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“पूना मारगेम” से बदलाव की नई शुरुआत, बीजापुर में 34 इनामी माओवादी मुख्यधारा में लौटे

84 लाख के इनामी कैडरों ने हिंसा त्यागी, पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर किया समर्पण

बीजापुर (हिन्दसत)। छत्तीसगढ़ शासन की “पूना मारगेम: पुनर्वास से पुनर्जीवन” नीति के प्रभावी क्रियान्वयन के तहत बीजापुर जिले में एक महत्वपूर्ण सफलता दर्ज की गई है। दक्षिण सब जोनल ब्यूरो (DKSZC), तेलंगाना स्टेट कमेटी, एओबी डिवीजन सहित विभिन्न माओवादी संगठनों से जुड़े 34 माओवादी कैडरों ने सशस्त्र और हिंसक मार्ग को त्यागते हुए समाज की मुख्यधारा में लौटने का निर्णय लिया है। इन कैडरों पर कुल 84 लाख रुपये का इनाम घोषित था, जिनमें 07 महिला और 27 पुरुष कैडर शामिल हैं।

आत्मसमर्पण करने वालों में पण्डरू पूनेम उर्फ संजू (डीव्हीसीएम, केरलापाल एरिया कमेटी) पर 8 लाख रुपये, रूकनी हेमला (पीपीसीएम, कंपनी नंबर 02) पर 8 लाख रुपये, देवा उईका (कंपनी नंबर 01 पार्टी सदस्य) पर 8 लाख रुपये, रामलाल पोयाम उर्फ रामलू (कंपनी नंबर 01 पार्टी सदस्य) पर 8 लाख रुपये तथा मोटू पुनेम उर्फ रवि (कंपनी नंबर 02 पार्टी सदस्य) पर 8 लाख रुपये का इनाम घोषित था।

इसके अतिरिक्त मीना माड़वी उर्फ जमली, जो तेलंगाना स्टेट कमेटी अंतर्गत मंगी एरिया कमेटी की एसीएम रही है, उस पर 5 लाख रुपये, सुदरू पुनेम (कुतुल एरिया कमेटी एसीएम) पर 5 लाख रुपये तथा लिंगे कुंजाम उर्फ सुमित्रा, जो ओडिशा राज्य कमेटी के एसजेडसीएम कार्तिक की सुरक्षा गार्ड रही है, पर 5 लाख रुपये का इनाम था।

 

प्लाटून और मिलिशिया स्तर पर पाले उईका, सुखराम उरसा उर्फ गंगा, दिनेश करटाम उर्फ बामड़ा, शंकर पोडियाम, सुखराम पोडियम, मुन्ना पोयाम, सुखमती बोड्डू, लक्ष्मण गोंदे उर्फ डेंगा, लक्ष्मण हेमला तथा अर्जुन बोड्डू जैसे कैडर शामिल हैं, जिन पर 2–2 लाख रुपये के इनाम घोषित थे। वहीं पण्डरू मड़कम उर्फ सलीम, राजू कुरसम उर्फ दुरूम, सोमारू मड़कम, संतो पोड़ियाम उर्फ संतोषी/शांति, हिड़मा माड़वी उर्फ गुडडी और सुखमती उरसा जैसे पार्टी सदस्यों पर 1–1 लाख रुपये के इनाम घोषित थे।

इसके साथ ही मोती उरसा, पण्डरू बड़दी, पायकू ओयाम, सुखराम तेलम, जग्गू पोडियम, सन्नू कुरसम, राजू हेमला, फगनू मड़कम उर्फ मल्लेश तथा सुरेश कुरसम जैसे माओवादी कैडर भी समाज की मुख्यधारा में लौटे हैं, जो विभिन्न आरपीसी, जनताना सरकार और मिलिशिया इकाइयों से जुड़े रहे हैं।

यह आत्मसमर्पण पुलिस महानिरीक्षक बस्तर रेंज, केरिपु सेक्टर रायपुर, दंतेवाड़ा रेंज के मार्गदर्शन तथा पुलिस अधीक्षक बीजापुर डॉ. जितेंद्र कुमार यादव के निर्देशन में चलाए जा रहे माओवादी उन्मूलन अभियान का परिणाम है। डीआरजी, बस्तर फाइटर, एसटीएफ, कोबरा और केरिपु बलों के संयुक्त प्रयासों, विश्वास निर्माण और संवेदनशील कार्यप्रणाली से माओवादियों को हिंसा त्यागने के लिए प्रेरित किया गया।

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि 01 जनवरी 2024 से अब तक बीजापुर जिले में 824 माओवादी मुख्यधारा में लौट चुके हैं, 1079 माओवादी गिरफ्तार किए गए हैं, जबकि 220 माओवादी विभिन्न मुठभेड़ों में मारे गए हैं। पुनर्वास प्रक्रिया के तहत आत्मसमर्पण करने वाले प्रत्येक कैडर को 50 हजार रुपये की तात्कालिक आर्थिक सहायता दी जाएगी तथा उनके सामाजिक पुनर्समावेशन के लिए आवश्यक विधिक प्रक्रिया जारी है।

इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक डॉ. जितेंद्र कुमार यादव ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार की पुनर्वास नीति माओवादियों और उनके परिजनों के बीच विश्वास पैदा कर रही है। उन्होंने माओवादियों से अपील की कि वे भ्रामक और हिंसक विचारधाराओं को त्यागकर निर्भय होकर समाज की मुख्यधारा में लौटें, क्योंकि ‘पूना मारगेम’ नीति उन्हें सुरक्षित, सम्मानजनक और स्वावलंबी भविष्य देने के लिए प्रतिबद्ध है।

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