छात्रा मनीषा की मौत पर सियासत हुई तेज, अधीक्षिका पर लापरवाही का आरोप
पूर्व जिला पंचायत उपाध्यक्ष कारम ने कहा इलाज होता तो बच सकती थी छात्रा की जान, कार्रवाई की मांग

बीजापुर (हिन्दसत)। बीजापुर जिले के विकासखंड मुख्यालय आवापल्ली में संचालित पोर्टाकेबिन आवासीय विद्यालय की छात्रा मनीषा सेमला के आकस्मिक निधन को लेकर सियासी बयानबाजी तेज हो गई है। जिला पंचायत के पूर्व उपाध्यक्ष एवं कांग्रेस के युवा नेता कमलेश कारम ने इस घटना को प्रशासनिक लापरवाही का परिणाम बताते हुए विद्यालय की अधीक्षिका को सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराया है।
कमलेश कारम ने कहा कि जिले में संचालित आवासीय विद्यालयों, आश्रमों और छात्रावासों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं की मौतों की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं, जिससे इन संस्थानों में बच्चों की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि आवासीय विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चे पूरी तरह सुरक्षित नहीं हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि कक्षा छठवीं की छात्रा मनीषा सेमला के अस्वस्थ होने की जानकारी होने के बावजूद अधीक्षिका कमला ककेम ने उसका समुचित उपचार कराने के बजाय उसे परिजनों के पास घर भेज दिया। यह घोर लापरवाही है। कारम का कहना है कि यदि समय रहते छात्रा का उचित इलाज कराया गया होता, तो शायद उसकी जान बचाई जा सकती थी।
कांग्रेस नेता ने इस बात पर भी नाराजगी जताई कि छात्रा के अंतिम संस्कार में जिला प्रशासन का कोई जिम्मेदार अधिकारी मौजूद नहीं रहा। उन्होंने इसे पीड़ित परिवार के प्रति प्रशासन की असंवेदनशीलता बताया।
कमलेश कारम ने जिला प्रशासन से मांग की कि इस गंभीर मामले में लापरवाही बरतने वाली अधीक्षिका के खिलाफ तत्काल कठोर कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में इस तरह की दुखद घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।




