हैदराबाद-जगदलपुर बस रूट बना मौत का सफर
रात्रि बसों में खुलेआम ओवरलोडिंग, नियम ताक पर – प्रशासन मौन

बीजापुर (हिन्दसत)। हैदराबाद- जगदलपुर के बीच संचालित निजी रात्रिकालीन बसें यात्रियों के लिए सुविधा नहीं, बल्कि जोखिम भरा सफर बनती जा रही हैं। इस लंबे और व्यस्त रूट पर चल रही कई प्राइवेट बसों में निर्धारित क्षमता से कहीं अधिक यात्रियों को भरकर खुलेआम परिवहन नियमों की अनदेखी की जा रही है। हालात इतने गंभीर हैं कि यात्रियों को मवेशियों की तरह ठूंस-ठूंसकर यात्रा करने को मजबूर किया जा रहा है।
स्लीपर बसों में भी बदतर हालात
जानकारी के अनुसार स्लीपर बसों में एक-एक बर्थ पर तीन-तीन से चार-चार यात्रियों को बैठाया जा रहा है। कई यात्रियों को बस के फर्श पर सामानों के बीच लिटाकर ले जाया जा रहा है। आपातकालीन स्थिति में बाहर निकलने के लिए बनी बीच की गली तक में यात्रियों को बैठाना और सुलाना किसी भी दुर्घटना की स्थिति में जानलेवा साबित हो सकता है।
तस्वीरों ने खोली पोल

मौके से सामने आई तस्वीरें बस संचालकों की लापरवाही की भयावह सच्चाई उजागर कर रही हैं। तस्वीरों में साफ दिखाई देता है कि बसों में जगह न होने के बावजूद यात्रियों को जबरन चढ़ाया जा रहा है। सुरक्षा मानकों की खुलेआम धज्जियां उड़ रही हैं, लेकिन जिम्मेदार विभागों की ओर से कार्रवाई न के बराबर है।
मजदूरों की मजबूरी, संचालकों की मनमानी
इस रूट पर सफर करने वालों में बड़ी संख्या रोज़गार की तलाश में दूसरे राज्यों की ओर जाने वाले श्रमिकों की है। आर्थिक मजबूरी के चलते ये श्रमिक जान जोखिम में डालकर इस अमानवीय व्यवस्था को झेलने को विवश हैं। पूरी रात खड़े-खड़े या बेहद तंग हालात में यात्रा करना न सिर्फ शारीरिक पीड़ा देता है, बल्कि मानसिक तनाव भी बढ़ाता है।
परिवहन विभाग की भूमिका पर सवाल
रोजाना ओवरलोड होकर चल रही बसों पर कार्रवाई न होना परिवहन विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े करता है। यदि समय रहते इस रूट पर ओवरलोडिंग और अवैध संचालन पर सख्ती नहीं की गई, तो किसी बड़े हादसे से इनकार नहीं किया जा सकता।
इस संबंध में जिला परिवहन अधिकारी के.एल. नागौर ने बताया कि ऑल इंडिया टूरिस्ट परमिट पर चलने वाली यात्री बसें बस स्टैंड से सवारी नहीं उठा सकतीं। उन्होंने कहा कि यदि इस प्रकार की शिकायतों की पुष्टि होती है, तो संबंधित बस संचालकों के खिलाफ नियमानुसार सख्त कार्रवाई की जाएगी।


