कमला नेहरू प्राणी संग्रहालय में आए नए पॉकेट मंकी, जानें खासियत
Pocket Monkey: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के इंदौर (Indore) में प्राणी संग्रहालय (जू) में कुछ महीनों पहले यहां एनिमल एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत लाए गए मार्मोसेट (मादा बंदर) ने अच्छी खबर सुनाई है। उसने 10 दिन पहले दो बच्चों को जन्म दिया है। पाकेट मंकी कहे जाने वाले ये बंदर कभी-कभार ही जुड़वां बच्चे देते हैं। इंदौर के चिड़ियाघर के इतिहास में यह पहला मौका है, जब किसी विदेशी जानवर ने जुड़वां बच्चों को जन्म दिया है। इनका आकार इतना छोटा होता है कि ये शर्ट की जेब में समा जाते हैं, इसलिए इन्हें पाकेट मंकी भी कहा जाता है।
आकार इतना छोटा होता है कि ये शर्ट की जेब में समा जाते हैं
यह विदेशी जानवर पाकेट मंकी (Pocket Monkey) है। पाकेट मंकी मादा द्वारा बच्चों को जन्म दिए जाने के बाद, जू प्रबंधन मां और बच्चों दोनों पर नजर रखे हुए और उनकी लगातार देखभाल कर रहा है। एनिमल एक्सचेंज प्रोग्राम के अंतर्गत इंदौर चिड़ियाघर से शेर को जामनगर भेजा गया था। उसके बाद अब तक विदेशी पक्षियों व जानवरों की तीन खेप आ चुकी हैं। इनमें ब्राजील और अर्जेंटीना के जंगल में पाए जाने वाले मार्मोसेट भी शामिल हैं। इनका आकार इतना छोटा होता है कि ये शर्ट की जेब में समा जाते हैं, इसलिए इन्हें पाकेट मंकी भी कहा जाता है। मामोर्सेट ब्राजील और अर्जेंटीना के जंगल में पाए जाने वाले जानवरों में शामिल हैं।
पाकेट मंकी की खासियत
इनका आकार इतना छोटा होता है कि ये शर्ट की जेब में समा जाते हैं, इसलिए इन्हें पाकेट मंकी भी कहा जाता है। पाकेट मंकी आकार में 18 सेंटीमीटर और वजन में 250 ग्राम तक रहते हैं। पर्यटक देशभर के कुछ चुनिंदा चिड़ियाघर में ही मामोर्सेट को देख सकते हैं। उनमें से एक इंदौर चिड़ियाघर भी शामिल हैं। मामोर्सेट की खासियत यह है कि इनके नाखूनों के बजाय पंजे होते हैं। उनकी बनावट कुछ इस तरह की रहती है कि वो अपने शरीर का तापमान चार डिग्री सेल्सियस तक कर सकते हैं। दो दिन पूर्व खाना खिलाने के दौरान मादा बंदर के शरीर पर कुछ अजीब-सा दिखा था, देखने पर पता चला कि ये पाकेट मंकी का नवजात बच्चा है। नवजात पाकेट मंकी अपनी मां की पीठ पर बैठा था, जो उसके बालों में छिपा था।