लाडली बहना ने साड़ी पहनकर द.अफ्रीका की सबसे ऊंची चोटी में 19,341 फीट ऊंचाई पर फहराया तिरंगा
भोपाल : मध्यप्रदेश के पन्ना जिले के एक छोटे से गांव सिमरिया में रहने वाली किसान की बिटिया गौरी ने जब कुछ करने की ठानी तो इतिहास रच दिया। 15 अगस्त को जब देश स्वतंत्रता दिवस मना रहा था तो उस दिन गौरी अरजरिया दक्षिण अफ्रीका की सबसे ऊंची चोटी माउंट किलीमंजारो फतह करने निकल चुकी थीं। और उन्होंने 19,341 फीट की ऊंचाई में माइनस 14 डिग्री सेल्सियस में तिरंगे के रंग की साड़ी पहने हुए , हाथों में तिरंगा लिए हुए माउंट किलीमंजारो को दोपहर 12 बजकर 10 मिनट पर फतह कर लिया।
उन्होंने अपनी इस फतह को ‘ महिला सशक्तिकरण के नाम’ किया। फिर बिना रुके – थके, वे वहां से उतरीं और 16 अगस्त की सुबह से ही इस अभियान में जुट गईं। उन्होंने सुबह 10 बजकर 57 मिनट में देश की तीनों सेनाओं के जवानों को समर्पित करते हुए दोबारा माउंट किलिमंजारो की चोटी को फतह कर लिया। इसी के साथ ऐसा करने वाली वे पहली भारतीय महिला बन गईं हैं।
गांव की बेटी के पर्वतीय इरादे
29 वर्षीय गौरी की 10 वीं तक पढ़ाई पन्ना जिले के सरस्वती शिशु मंदिर सिमरिया में हुई।इसके बाद सिमरिया के शासकीय विद्यालय से उन्होंने बारहवीं की पढ़ाई पूरी कर, भोज मुक्त विश्वविद्यालय से प्रायवेट में स्नातक की पढ़ाई की है । मध्यमवर्गीय किसान परिवार से आने वाली गौरी के पिता श्रीरामकुमार अरजरिया खेती करते हैं, और उनकी माता कुसुम अरजरिया घर के कामों के साथ खेती में भी पिता का हाथ बंटाती हैं। दो भाई दीपक और विकास स्नातक की पढ़ाई कर रहे हैं। इनके अलावा उनके परिवार की मुखिया उनकी दादी जयंती अरजरिया हैं। गौरी ने बताया कि – बचपन से ही कुछ अलग करने का इरादा था। इसीलिए मैं साहस व धीरज के साथ अपने लक्ष्य में लगी रही। और उसका परिणाम आप सभी के सामने है।
पर्वतारोहण में ऐसी रही गौरी की यात्रा
माउंट किलीमंजारो फतह करने के पहले गौरी ने वर्ष 2019 में 16500 फीट ऊंची रेनोक चोटी पर सफलतापूर्वक आरोहण पूरा किया था इसके बाद उन्होंने वर्ष 2020 में उत्तराखण्ड की 1200 फीट ऊंची केदारकण्ठा , 2021 में सिक्किम की 18000 फीट ऊंची विधानचंद्र राय चोटी को फतह किया था। इसके साथ ही उनके हिस्से में स्वाधीनता की 75 वीं वर्षगांठ पर 75 फीट ऊंचे तिरंगे के साथ हिमाचल की 2200 फीट ऊंची चोटी यूनम में भी ध्वजारोहण करने का रिकॉर्ड दर्ज है।