छत्तीसगढ

जगदलपुर में गणेशोत्सव की तैयारी हुई तेज, मूर्तिकार दे रहे विघ्नहर्ता को अंतिम रूप…

   प्रधान संपादक सम्यक नाहटा की विशेष रिपोर्ट

देवो में प्रथम पूज्य गणपति महराज जी का पावन उत्सव गणेश चतुर्थी  परसों से शुरू हो रहा है…

जगदलपुर ऑफिस डेस्क : देवो में प्रथम पूज्य गणपति महराज जी का पावन उत्सव गणेश चतुर्थी परसों से शुरू हो रहा है। जगदलपुर सहित ग्रामीण अंचलो में धूमधाम के साथ सिद्धि विनायक जी के आगमन की तैयारी के लिए आमजन और समितियां जुटी हुई है।

मूर्तिकार दे रहे विघ्नहर्ता को अंतिम रूप
                          मूर्तिकार दे रहे विघ्नहर्ता को अंतिम रूप

मंगलमूर्ति लंबोदर महराज जी परसों विधिविधान के साथ घरों-घर विराजित होंगे। वहीं जगदलपुर के प्रमुख स्थानों में विभिन्न समितियों द्वारा पूरी भव्यता के साथ बप्पा के आगमन की तैयारी हो रही है। बड़े-बड़े पंडाल तेजी से तैयार हो रहे ।

विघ्नहर्ता मंडप में विराजने को तैयार
                           विघ्नहर्ता मंडप में विराजने को तैयार

जगदलपुर में हर साल की तरह इस बार भी गणेशोत्सव पूरी धूमधाम के साथ मनाने आमजन जुटे हुए है। यहां का स्थल सजावट व विसर्जन झांकी की भव्यता देखते ही बनती है। इसी तरह नगर के विभिन्न स्थानों पर मूर्तिकार गौरी के लाला श्री गणेश जी की मूर्ति को अंतिम रूप देने में लगे हुए है।

भारत में त्योहारों का मौसम शुरू हो चुका है और यह साल के सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है गणेश चतुर्थी। गणेश चतुर्थी देवी पार्वती और भगवान शिव के पुत्र भगवान गणेश की जयंती का प्रतीक है और भक्त इस दौरान धन, समृद्धि और सफलता की कामना करते हुए अपने घरों में उनका स्वागत करते हैं।

हिंदू कैलेंडर के अनुसार, गणेश चतुर्थी भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष में आती है। इसे गणेशोत्सव भी कहा जाता है। यह 10 दिनों का त्योहार होता है जिसका समापन अंतिम दिन (अनंत चतुर्दशी) गणेश विसर्जन के साथ होता है।

गणेश जी का जन्म भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चर्तुथी तिथि को हुआ था। इस वजह से हर साल भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी को गणेश चतुर्थी मनाई जाती है। गणेश जी की चार भुजाएं हैं और वे अपनी चारों भुजाओं में क्रमश:

                              संजय मार्केट गणेश उत्सव समिति

अंकुश, पाश, मोदक से भरा पात्र और वरद मुद्रा धारण करते हैं। वे पीले वस्त्र पहनने वाले बड़े पेट वाले और कानों वाले हैं। वे लाल चंदन धारण करते हैं। गणेश जी को भोग में मोदक प्रिय है और फूलों में लाल रंग का पुष्प उनको भाता है।

                                  नयापारा गणेश उत्सव समिति
                                नयापारा गणेश उत्सव समिति
                                पंचचौक गणेश उत्सव समिति
                                दुर्गा चौक गणेश उत्सव समिति

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