विदेश

ईरान ने ISI और पाक सेना को 4 साल पहले ही दी थी चेतावनी, अब मिसाइल से जवाब…

पाकिस्तान के अंदर घुसकर मारने वाला ईरान तीसरा देश बन गया है।

अमेरिका और भारत के बाद अब ईरान ने पाकिस्तान में एयर स्ट्राइक कर दी। 

ईरानी फौज ने पाकिस्तान में आतंकवादी समूह जैश-अल-अदल के दो ठिकानों पर मंगलवार को मिसाइलों से हमला किया। यह कार्रवाई रिवोल्यूशनरी गार्ड्स द्वारा इराक और सीरिया में किए गए हमलों के एक दिन बाद की गई।

हालांकि ईरान ने पाकिस्तान पर अचानक हमला नहीं किया है। बल्कि इस शिया बहुल देश ने चार साल पहले ही पाकिस्तान को चेतावनी दे दी थी।

सेना को खुली छूट देने का आह्वान 

अलगाववादी तत्वों को पनाह देने के लिए पाकिस्तान के खिलाफ ईरान में वर्षों से लोगों के अंदर गुस्सा फूट रहा है। 2019 में पाकिस्तान के खिलाफ जबरदस्त प्रदर्शन हुआ था।

उस वक्त हजारों की तादात में ईरानियों और ईरान के एलीट रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के कमांडर, मेजर जनरल मोहम्मद अली जाफरी ने पूर्व ईरानी राष्ट्रपति हसन रूहानी से अपने देश की सेना को खुली छूट देने का आह्वान किया था।

उन्होंने मांग करते हुए कहा था कि इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (आईआरजीसी) को पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए अधिक छूट दी जाए।

दरअसल पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI और सेना के समर्थन से तैयार हुए आतंकी संगठन जैश-अल-अदल ने ईरान में एक आत्मघाती हमले को अंजाम दिया था।

इस हमले में ईरानी फौज (रिवोल्यूशनरी गार्ड्स) के 27 जवान मारे गए थे। जवानों की मौत पर शोक मनाने के लिए इकट्ठी हुई लोगों की भीड़ को संबोधित करते हुए मेजर जनरल मोहम्मद अली जाफरी ने ईरानी राष्ट्रपति से पाकिस्तान के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की मांग की थी।

ईरान का दावा है कि इस आतंकी संगठन को सऊदी अरब के समर्थन के साथ पाकिस्तान का भी समर्थन प्राप्त है। 

पाकिस्तान को कीमत चुकानी होगी’

एएफपी की एक रिपोर्ट के अनुसार, जाफरी ने शोक मनाने आए लोगों से कहा, “पाकिस्तान सरकार को इन आतंकवादी समूहों को पनाह देने की कीमत चुकानी होगी।”

उन्होंने कहा कि इसमें कोई शक नहीं कि ये कीमत बहुत ज्यादा होगी। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा था कि इस्लामिक रिपब्लिक ईरान अब पिछली बातों पर गौर नहीं करेगा बल्कि ऐसी हिमाकत का मुकाबला करने के लिए सीधे कार्रवाई करेगा।

यहीं नहीं, उस वक्त ईरानी कमांडर ने आतंकियों को पनाह देने के लिए पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) और सेना को सीधे तौर पर दोषी ठहराया था।

लोगों में बढ़ते गुस्से के बीच ईरानी राष्ट्रपति ने पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री इमरान खान को चेतावनी दी थी।

ईरान के पूर्व राष्ट्रपति हसन रूहानी ने 2019 में इमरान खान को फोन किया और पाकिस्तान से “ईरानी विरोधी आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई” करने को कहा था।

ईरान ने बार-बार चेतावनी दी 

हसन रूहानी ने साथ ही पाकिस्तान को चेताते हुए कहा था कि अमेरिका, इजरायल के साथ-साथ सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात के इशारे पर ईरान से रिश्ते न बिगाड़ो।

उन्होंने कहा कि इन देशों में पाकिस्तान के अपने निजी स्वार्थ छिपे हैं लेकिन ‘अन्य देशों को ईरान-पाकिस्तान संबंधों को खराब करने की इजाजत नहीं देनी चाहिए।’

उस चेतावनी के पांच साल बाद, ईरान की इब्राहिम रायसी सरकार ने पाकिस्तान के अंदर घुसकर आतंकियों को निशाना बनाया है।

ईरानी समाचार एजेंसी तसनीम ने कहा, “पाकिस्तान में जैश-अल-धुल्म (जैश-अल-अदल) आतंकवादी समूह के दो प्रमुख ठिकानों को विशेष रूप से निशाना बनाया गया और सफलतापूर्वक ध्वस्त कर दिया गया।”

ईरान ने बार-बार चेतावनी दी है कि जैश-अल-अदल आतंकवादी समूह उसके सुरक्षाबलों पर हमले करने के लिए पाकिस्तान की भूमि का इस्तेमाल कर रहा है और बलूचिस्तान के सीमावर्ती शहर पंजगुर में इसके ठिकाने हैं।

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