मध्यप्रदेश

पन्ना के हीरों को मिला GI टैग

Diamonds got GI tag: मध्य प्रदेश के पन्ना जिले को GI टैग मिला है । पन्ना को डायमंड सिटी के नाम से भी जाना जाता है। जी आई टैग मिलने से पन्ना के हीरो की चमक अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बढ़ेगी। इसका लाभ पन्ना के हीरा व्यापार से जुड़े लोगों को भी मिलेगा। बता दें कि भारत में पहला जीआई टैग दार्जिलिंग की चाय को साल 2004 में मिला था।
हीरा अधिकारी ने बताया, जीआई (ज्योग्राफिकल इंडिकेशन) टैग मुख्य रूप सेकिसी उत्पाद को उसके मूल क्षेत्र से जोड़ने के लिए दिया जाता है। जिस वस्तु को यह टैग मिलता है वह उसकी विशेषता बताता है। हीरा अधिकारी पन्ना रवि पटेल ने बताया कि 7 जून को जीआई टैग के लिए आवेदन किया गया था।

भारत के वाणिज्य मंत्रालय के तहत काम करने वाली यह संस्था पूरी जांच-पड़ताल और छानबीन के बाद जीआई टैग देती है। हीरा अधिकारी ने बताया, जीआई (ज्योग्राफिकल इंडिकेशन) टैग मुख्य रूप सेकिसी उत्पाद को उसके मूल क्षेत्र से जोड़नेके लिए दिया जाता है। जिस वस्तु को यह टैग मिलता है वह उसकी विशेषता बताता है। पन्ना के हीरों को जीआई टैग मिले इसके लिए ह्यूमन वेल फेयर सोसाइटी लखनऊ द्वारा चेन्नई स्थित संस्था में आवेदन किया गया था।

पन्ना जिले की पहचान सदियों से यहां की धरती से निकलने वाले बेश कीमती हीरों के कारण है। यही वजह है की पन्ना को डायमंड सिटी के नाम से भी जाना जाता है।

देश के अलग-अलग राज्यों और क्षेत्र विशेष की पहचान बन चुके अनेकों उत्पादों को जीआई टैग मिल चुका है। इनमें तिरुपति के लड्डू, रतलाम की सेव, बीकानेरी भुजिया, कश्मीर का केसर और पश्मीना शॉल, नागपुर के संतरे, बंगाली रसगुल्गुले, बनारसी साड़ी, झाबुआ का कड़कनाथ, चन्देरी साड़ी, महोबा का पान आदि शामिल हैं।

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