मध्यप्रदेश

आई फ्लू का कहर जारी, जाने लक्षण और बचाव के तरीके, स्वास्थ्य विभाग ने जारी किया अलर्ट

इंदौर : देश के कई राज्यों में कंजक्टिवाइटिस (आई फ्लू) के केस बढ़ रहे हैं। बारिश और उमस के मौसम में आंखों के संक्रमित होने का खतरा बना रहता है। बारिश के कारण आए मौसम में बदलाव के कारण सबसे जल्दी आंखों की बीमारी होती है। इसे मेडिकल भाषा में कंजक्टिवाइटिस या आई फ्लू कहा जाता है लोग इससे काफी परेशान हैं। बड़ों के साथ बच्चे भी आंखों के इस संक्रमण की चपेट में हैं। मध्य प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग ने आई फ्लू बीमारी को लेकर अलर्ट जारी कर दिया है। इंदौर में भी आई फ्लू के मामले लगातार बढ़ रहे है। संक्रमण से पीड़ित लोग तीन से सात दिन में ठीक हो रहे हैं।

स्वास्थ्य विभाग ने अलर्ट जारी कर दिया है। आई फ्लू क्या है, कितना घातक है, कैसे पनपता है, और इससे बचाव के क्या तरीके हैं, आइए जानते हैं। बारिश के मौसम में होने वाली बीमारियों के साथ ही आंखों के संक्रमण के केस लगातार बढ़ रहे हैं। आंखों की इस बीमारी से इन दिनों बच्चे अधिक प्रभावित दिख रहे हैं। शिशु रोग विशेषज्ञ ने आई फ्लू को लेकर कई तरह की जानकारियां दी हैं। उन्होंने कहा की आंखों में चुभन, पानी निकलना, आंख लाल होना और आंखों में जलन होना ये सब आई फ्लू के लक्षण हैं। डॉक्टर ने कहा कि अगर संक्रमण का समय पर इलाज नहीं करवाया जाए तो यह घातक भी हो सकता है। वहीं आंखों की इस बीमारी को लेकर स्वास्थ्य विभाग भी अलर्ट हो गया है।

आई फ्लू से पीड़ित लोगों की संख्या अस्पतालों में लगातार बढ़ रही है। इससे प्रभावित लोग जाने अनजाने में कई बार दूसरे स्वस्थ व्यक्ति के संपर्क में आ जाते हैं जिससे संक्रमण और फैल जाता है। डॉक्टर ने कहा कि यह एक तरह का संक्रमण है। इससे बचने के लिए हमें दूसरे व्यक्तियों से हाथ मिलाने से बचना चाहिए, ताकि संक्रमण से बचा जा सके।

जिला स्वास्थ्य अधिकारी ने स्कूलों को जारी किए निर्देश

जिला स्वास्थ्य अधिकारी इस बीमारी से बचाव के लिए संक्रमित व्यक्तियों को आइसोलेट होने के लिए कहा है। उन्होंने आंखों की बीमारी से बचाव के लिए सभी स्कूल और हॉस्टलों को हेल्थ चेकअप करवाने के निर्देश दिए हैं। चेकअप के लिए ब्लॉक, मेडिकल ऑफिसर, और जोनल ऑफिसर को लगाया गया है।

आई फ्लू के लक्षण

इस इन्फेक्शन से बचने का एक उपाय यह भी है कि आप इसके लक्षणों को देखते ही सतर्क हो जाएं और दूसरों से खुद को अलग करके डॉक्टर के पास जाएं। आप निम्न लक्षणों से आई फ्लू की पहचान कर सकते हैं।

  • आंखें लाल होना
  • आंखों में चुभन
  • आंखों में खुजली
  • आंखें चिपकना
  • आंखों में सूजन है
  • लाइट सेंसिटिविटी

आई फ्लू से बचाव के उपाय

  • अपनी आंखों को छूने से पहले हाथ आवश्यक रूप से धोयें।
  • संक्रमित व्यक्ति अपना टॉवेल, तकिया, आई ड्रॉप आदि उपयोग की गई वस्तुएं घर के अन्य सदस्यों से दूर रखे।
  • स्विमिंग पूल, तालाबों के प्रयोग से बचे।
  • कांटेक्स लेंस पहना बंद करें और अपने आंख के डाक्टर की सलाह के अनुसार ही फिर इसे शुरू करें।
  • आँखों के सौंदर्य प्रसाधनों का प्रयोग न करें।
  • साफ हाथों से अपनी आंखों के आस-पास किसी भी तरह के स्त्राव को दिन में साफ गोल कपड़े से धोयें, उपयोग किए गए कपड़े को गर्म पानी से धोलें।
  • यदि आँखों में लालिमा हो तो अपने नजदीकी अस्पताल में जाकर परामर्श लें। डॉक्टर की सलाह के बिना किसी भी ड्रॉप का उपयोग न करें।

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