मध्यप्रदेश

प्रदेश के 413 नगरीय निकायों की 6077 कॉलोनियों दिसंबर तक होंगी वैध

भोपाल। चुनावी साल में शिवराज सरकार हर वर्ग को खुश करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। सरकार ने अब अवैध कॉलोनियों को चुनाव से पहले वैध करने की दिशा में अपने कदम तेज कर दिए हैं। दिसंबर तक 413 नगरीय निकायों की 6077 कॉलोनियों वैध हो जाएंगी, इससे प्रदेश के उन लाखों लोगों को राहत मिल रही है, जो अभी तक सड़क, बिजली, पानी जैसी समस्याओं से जूझ रहे हैं।
मालूम हो वर्ष 2016 तक की अवैध कॉलोनियों को नियमित करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इसके तहत राज्य के 413 नगरीय निकायों में से 16 2 निकाय ऐसे हैं, जिनमें ज्यादातर कॉलोनियां वैध हैं।

बाकी निकायों में अवैध कॉलोनियों की संख्या ज्यादा हैं। 251 ऐसे निकाय हैं जहां 6077 अवैध कॉलोनियां हैं जो दिसंबर तक वैध होंगी। अधिकारियों को इन कॉलोनियों को 30 जून तक वैध करने का टारगेट दिया गया था। हालांकि, ऐसा हो नहीं पाया। कुछ निकायों में यह प्रक्रिया चल रही है। अधिकारियों के मुताबिक लाखों रहवासियों को मिलेगा। अमृत, विधायक निधि समेत अन्य संसाधनों से इनमें बुनियादी विकास कार्य कराए जाएंगे। फिलहाल निकायों में ऐसी कॉलोनियों को चिन्हांकित कर नियमितीकरण की प्रक्रिया शुरू करने की तैयारी चल रही है। प्रदेश में 16 नगर निगम है। फिलहाल 11 निगमों में वैध की गई कॉलोनियों में बिल्डिंग परमिशन मिलने लगी है।

भोपाल में 238 कॉलोनियां हुई वैध

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने तीन महीने पहले अवैध कॉलोनियों को वैध करने की घोषणा की थी। 2016 की डेडलाइन के हिसाब से 320 अवैध कालोनियों को चुना गया था। जबकि प्रशासन के सर्वे में भोपाल में 576 कॉलोनियां चिह्नित की गईं थीं। वर्तमान में 238 कॉलोनियों को वैध किया जा चुका है।

ग्वालियर में सबसे अधिक अवैध कॉलोनियां

सरकार ने अवैध कॉलोनियों को करने की प्रक्रिया शुरू की है प्रदेश के दो बड़े शहर भोपाल और इंदौर अवैध कॉलोनियों के मामले में दूसरे नगर निगमों से पिछड़ गए हैं। महानगरों का आकार ले रहे इन दोनों शहरों से ज्यादा अनधिकृत कॉलोनियां, ग्वालियर जैसे नगरीय निकायों में है। राज्य के 413 नगरीय निकायों में 31 दिसंबर, 2016 तक अस्तित्व में आ चुकी अनाधिकृत कॉलोनियों को वैध करने की प्रक्रिया की जा रही है।

इन शहरों में कॉलोनियां हुई वैध

  • शहर अवैध वैध
  • भोपाल 320 238
  • इंदौर 100 6 5
  • उज्जैन 100 33
  • खंडवा 40 10
  • देवास 95 02
  • रतलाम 51 25
  • कटनी 76 17
  • ग्वालियर 16 9 9
  • रीवा 40 10
  • सतना 137 21

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