छत्तीसगढ

Summer Camp :- गर्मी में मस्ती की पाठशाला आओ खेले नाचे गाये रंगारंग कार्यक्रम के साथ समापन हुआ समर कैंप का……

Summer Camp :- गर्मी में मस्ती की पाठशाला आओ खेले नाचे गाये रंगारंग कार्यक्रम के साथ समापन हुआ समर कैंप का

गरियाबंद :- गरियाबंद के सभी सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले कक्षा 1 से 8 तक के, 6 से 14 वर्ष के सभी बच्चों के साथ 20दिनों तक समर कैंप चलाया गया। यह समर कैंप पूर्णता निशुल्क था,

तथा इसमें बच्चों के लिए जुंबा डांस, नृत्य, ड्राइंग पेंटिंग हिंदी अंग्रेजी विषय लेखन पठन कौशल विकास, आर्ट एवं पेपर क्राफ्ट, मेहंदी का प्रशिक्षण दिया गया। इस परीक्षण के लिए समस्त सामग्री एवं आयोजन की पूर्ण व्यवस्था विकासखंड स्रोत कार्यालय के द्वारा की गयी । प्राथमिक शाला किसान पारा गरियाबंद में ब्लॉक स्तरीय समर कैंप का समापन किया गया।

साथ ही समर कैंप में सम्मिलित 92 बच्चों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया । समर कैंप प्राथमिक शाला किसान पारा गरियाबंद में 12 मई से 31 म‌ई तक प्रतिदिन सुबह 9 बजे से 11 बजे तक चलाया गया ।

आज के समर कैंप के समापन में मुख्यअतिथि डी एम सी श्याम चंद्राकर विकासखंड समन्वयक तेजश शर्मा, संकुल समन्वयक एनके वर्मा अधिशिका अमीता मेंढी, जानकी निर्मलकर , निर्मला सिरमौर मृदुला निर्मलकर एवं प्रधान पाठक किसानपारा प्रधान पाठक पी एल आरना सर बी एस ठाकुर उपस्थित थे।

चंद्राकर ने अपने संबोधन में कहा कि इस समर कैंप से बच्चे जो भी सिखाया गया हैं वह अपने आसपास बच्चों को भी सिखाए तथा इसी तरह से अगले 15 दिन भी अपने घर पर क्राफ्ट से या जो भी उनकी पसंद की चीजें हैं,वे अपने खाली टाइम में उपयोग करे।

शिक्षिका इंद्रप्रीत कौर कुकरेजा ने बतलाया- शिक्षा के साथ कला और संस्कृति का हर व्यक्ति के जीवन में विशेष महत्व होता है। साथ ही उनके द्वारा प्रशिक्षित बच्चों ने देशभक्ति और जीवन को प्रफुल्लित करने वाले गीत भी सुनाए और सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ नृत्य भी किया अतिथियों ने कला संगीत, क्राफ्ट, म्यूजिक, आर्ट में भाग लेने वाले सभी बच्चों को प्रमाण पत्र, प्रतीक चिन्ह एवं उपहार दिए।

इस समर कैंप को 20 दिनों तक सुचारू रूप से जिम्मेदारी पूर्वक संचालित करने वाले शिक्षिका इंदरप्रीत कौर कुकरेजा, नीता सर्वा, प्रतिभा साकरिया, ईश्वरी सिन्हा, किरण ध्रुव, तानेश्वरी ठाकुर, सत रूपा बिप्रे, ईश्वरी कश्यप, श्रद्धा साहू, आरती सोनवानी, विद्या सेन, शिवकुमार साहू साथ ही वालिंटियर के रूप में खुशबू , शिवांगी, उदिता,कनिष्का और धारणा आदि बच्चों ने विशेष योगदान दिया।

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