छत्तीसगढ

चुनावी साल में भाजपा नेताओं की फांस बनेगा प्रियदर्शिनी बैंक घोटाला…..

इस मामले में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आरोपित उमेश सिन्हा के नार्कों टेस्ट का वीडियो ट्वीट किया था। इसके जवाब में पूर्व मुख्यमंत्री डा रमन सिंह ने कहा कि सबसे बड़ा झूठ तो मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है। मुख्यमंत्री दिखाए कि कौन से हाइकोर्ट ने क्या कहा है? ये सिर्फ भ्रम फैलाने का काम करते हैं। न कोई हाइकोर्ट का फैसला आया है, न ही निर्देश हैं, वो सिर्फ मनगढ़ंत बात कर रहे। दरअसल, मुख्यमंत्री बघेल ने ट्वीट किया था कि उच्च न्यायालय का आदेश आया है, जिसे तत्काल सुधार करते हुए स्पष्ट किया था कि उच्च न्यायालय को न्यायालय पढ़ा जाए।

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अभिमत के बाद आगे बढ़ेगी पुलिस की जांच

विशेष लोक अभियोजक व राज्य सरकार के उप महाधिवक्ता संदीप दुबे ने कहा कि न्यायालय से आदेश की प्रति प्राप्त हो गई है। अभिमत के बाद पुलिस को जांच की दिशा आगे बढ़ानी होगी। प्रकरण हैंडओवर करने संबंधी प्रक्रिया कुछ वक्त लगेगा। वैज्ञानिक जांच पालिग्राफिक टेस्ट, ब्रेन मैपिंग और नार्काें टेस्ट की फोरेसिंक रिपोर्ट जांच में महत्वपूर्ण कड़ी साबित होगी।

कांग्रेस बताएं बैंक के पदाधिकारी किस पार्टी के हैं : राजेश मूणत

पूर्व मंत्री व भाजपा प्रवक्ता राजेश मूणत ने कहा कि कांग्रेस बताएं कि इंदिरा प्रियदर्शिनी बैंक में पदाधिकारी किस पार्टी के थे। इसमें अध्यक्ष से लेकर निदेशक तक कांग्रेस पार्टी से ताल्लुक रखते हैं। पदाधिकारियों ने ही लाखों रुपये का लोन लेकर गबन किया। भाजपा किसी भी जांच के लिए तैयार है।\B क्या है इंदिरा प्रियदर्शिनी बैंक घोटाला\B

इंदिरा प्रियदर्शिनी बैंक घोटाला वर्ष 2006 में सामने आया था। 56 करोड़ रुपये के इस घोटाले में बैंक मैनेजर का नार्कों टेस्ट 2007 में बंगलुरू में कराया गया था। नार्कों टेस्ट की फोरेसिंक रिपोर्ट वर्ष 2019 में आई थी। बैंक के संचालक मंडल में तब 19 सदस्य थे, जिसमें से 11 सदस्यों की गिरफ्तारी भी हुई थी। राज्य सरकार ने वर्ष 2019 में बैंक के संचालक मंडल सदस्यों से रिकवरी के भी आदेश दिए थे।

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