मध्यप्रदेश

सायबर-बाल सुरक्षा को लेकर गंभीर नहीं जिले, 63 प्रतिशत कर्मचारियों ने बनाई प्रशिक्षण से दूरी

भोपाल। देश में लगातार बढ़ते सायबर और बाल अपराधों को देखते हुए केंद्र व प्रदेश सरकार जागरूकता अभियान चलाने के साथ ही कई प्रकार के प्रशिक्षण कार्यक्रम भी संचालित कर रही है। ताकि इन अपराधों पर लगाम लगाने के साथ ही इससे होने वाले नुकसान से बचा जा सके, लेकिन प्रदेश में स्कूल शिक्षा विभाग के कुछ कर्मचारी इसको लेकर गंभीर नहीं है। शासन से आदेश होने के बाद भी यह कर्मचारी सायबर, सूचना एवं बाल सुरक्षा के प्रशिक्षण से दूरी बनाए हुए हैं।

साइबर सुरक्षा अनुपालन और शिष्टाचार पर ई-लर्निंग प्रशिक्षण कोर्स को लेकर भी स्थिति कुछ ऐसी ही है। स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा प्रदेश के कम्प्यूटर्स डाटा एंट्री ऑपरेटर्स को यह प्रशिक्षण दिलाया जा रहा है। इसको लेकर आदेश भ्ज्ञी जारी किए गए हैं, लेकिन अब भी 63 प्रतिशत कर्मचारी इस प्रशिक्षण से दूरी बनाए हुए हैं। प्रदेश में पदस्थ 2795 कम्प्यूटर्स डाटा एंट्री ऑपरेटर्स में से मात्र 1014 कर्मचारियों ने इसके लिए पंजीयन कराए हैं। इस मामले में कुछ जिलों की स्थिति सबसे खराब है, जहां लगभग सभी कर्मचारी प्रशिक्षण से दूरी बनाए हुए हैं। जिस पर लोक शिक्षण संचालनालय ने नाराजगी जाहिर की है। लोक शिक्षण संचालनालय ने प्रशिक्षण के लिए ऑनलाइन पंजीयन की तिथि में बढ़ोत्तरी करते हुए 10 अगस्त कर दिया है। सभी जिलों को निर्देश दिए गए हैं कि स्कूलों में कार्यरत सभी कम्प्यूटर्स डाटा एंट्री ऑपरेटर्स का पंजीयन अनिवार्य रूप से कराकर इस प्रशिक्षण में शामिल कराया जाए।

इन जिलों की स्थिति सबसे खराब

जिलों में इंदौर, झाबुआ, अशोक नगर, पन्ना, निवाड़ी, बुरहानपुर, खरगोन, मंडला, बड़वानी जिले में एक कर्मचारी ने प्रशिक्षण के लिए पंजीयन नहीं कराया है। वहीं डिंडोरी, आगर मालवा, छिंदवाड़ा, नरसिंपुर, राजगढ़ में सिर्फ एक कर्मचारी द्वारा पंजीयन कराया गया है। वहीं सागर में 162 में 36, सीहोर में 109 में से 27, रीवा में 94 में से 18, टीकमगढ़ में 72 में से 4, जबलपुर में 70 में से 3, उमरिया में 64 में से 3, दमोह में 63 में से 5, खंडवा में 77 में से 23, देवास में 65 में से 16, रायसेन में 55 में से 8, भोपाल में 57 में से 11, सीधी में 50 में से 9, मंदसौर में 47 में से 7, ग्वालियर में 40 में से 3, बैतूल में 45 में से 11, दतिया में 33 में से 5, नीमच में 37 में से 12, शहडोल में 23 में से 2 कर्मचारियों ने प्रशिक्षण के लिए पंजीयन कराया है।

इन जिलों में 40 से 90 प्रतिशत पंजीयन

कुछ जिलों में स्थिति काफी हद तक बेहतर है। इनमें जिलों में भिंड, अनूूपपुर और हरदा में 90 प्रतिशत तक पंजीयन हुए हैं। भिंड में 67 में से 66 , अनूपपुर में 4 में से 3 और हरदा में 31 में से 29 पंजीयन हुए हैं। वहीं छतरपुर में 93 में से 50, सतना में 136 में से 94, शिवपुरी में 88 में से 53, मुरैना में 85 में से 51, विदिशा में 82 में से 58, रतलाम में 60 में से 37, सिंगरौली में 42 में से 20, नर्मदापुरम में 55 में से 35, बालाघाट में 67 में से 51, उज्जैन में 95 में से 81, कटनी में 103 में से 91, शाजापुर में 35 में से 24, धार में 28 में से 20, सिवनी में 31 में से 24, गुना में 29 में से 14, अलीराजपुर में 5 में से 2, श्योपुर में 6 में से 3 कर्मचारियों ने प्रशिक्षण के लिए पंजीयन कराया है।

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