छत्तीसगढ

पत्रकारों की टोली लगा रही जुए का फड़…..

रायपुर/जांजगीर। जांजगीर जिले में इन दिनों जुआरी काफी सक्रिय हो गए हैं। हैरान करने वाली बात यह है कि इन जुआरियों में कई तथाकथित पत्रकार और न्यूज चैनलों के संवाददाता भी शामिल हैं

जो पुलिस से अपनी जान-पहचान का फायदा उठाकर इस अवैध धंधे को फैला रहे हैं। इलाके में कुछ पत्रकारों की टोली है जो जांजगीर और मुलमुला थाने के बीच ठिकाने बदल-बदल कर जुए का फड़ सजाते हैं,

और इसमें कुछ गांव भी शामिल है जिनके नाम है गांव शामिल है तिलई, देवरी, कापन, सेवरमल है। जहां लाखों के दांव लगाए जा रहे हैं। इसकी जानकारी पुलिस को भी है लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।

दरअसल जनता से रिश्ता ने अपने अखबार और वेबसाइट के नाम पर कुछ फर्जी पत्रकारों द्वारा वसूली करने की खबरें मिलने के बाद ऐसे लोगों से सावधान रहने और उन फर्जी पत्रकारों की जानकारी अखबार प्रबंधन को साझा करने संबंधी अपील अखबार और वेबसाइट के माध्यम से किया है।

इस मामलें में जानकारों का कहना है कि पत्रकारों के अवैध गतिविधियों में लिप्त होने के पीछे मीडिया वाले ही जिम्म्मेदार है क्योंकि इनके द्वारा संवाददाता और प्रतिनिधि व फ्रेंचाइजी नियुक्त करते

समय इनका पुलिस वेरिफिकेशन और आधार आईडी की सत्यता नहीं जांची जाती और मुख्यालय में बैठे-बैठे ही इन्हें नियुक्त कर दिया जाता है। अखबार या न्यूज़ चैनल का बैनर नाम से जुड़ जाने कारण ही ऐसे पत्रकार गलत तरीकों से पैसे कमाने के रास्ते अख्तियार करते है।

जिसके उपरांत ही जांजगीर के इस इलाके में रहने वाले लोगों ने जानकारी साझा की है। इसकी शिकायत लोगों ने पुलिस के आला अधिकारियों से भी करने की बात कही है।

जुआ अब चोरी छिपे नहीं बल्कि खुलेआम हो रहा है। ताश के पत्तो पर हजारों लाखों के दांव लग रहे हैं। इस जुए ने न जाने कितने ही परिवारों को बर्बाद कर दिया है। क्षेत्र के युवा जुए की इस बुरी लत में फंसते जा रहे हैं। युवाओं का भविष्य बर्बाद करने वाले इन जुआरियों को अब पुलिस व कानून का भी कोई डर नहीं है।

जिसके चलते रोज दांव लग रहा है। ऐसा नहीं है कि पुलिस को इसकी जानकारी नहीं है। मगर पुलिस द्वारा कार्रवाई नहीं किये जाने से जुआरियों के हौसले बुलंद हैं।

पोड़ीशंकर के फड़ में दूर दराज के जुआरी भी जुआ खेलने पहुंचते हैं और सुबह से रात तक दांव लगता है। गांव में चार पांच जगह फड़ लगाकर जुआ खेला जा रहा है। क्षेत्र के युवा पूरी तरह से जुए की लत में हैं। दिन हो चाहे रात जब चाहे तब फड़ लग रहा है।

मजबूत है जुआरियों का सूचना तंत्र

लोगों का कहना है कि जुआरियों के मुखबिर काफी सजग हैं। वे हर व्यक्ति पर नजर रखते हैं, जैसे ही कोई जुआ फड़ के रास्तेकी ओर आता है तो उसका लोकेशन और हुलिया पहले ही जुआरियों को पता चल जाता है। मुखबिरों को भी जुआ संचालक बड़ी राशि भुगतान करते हैं।

ब्याज का धंधा जोरों पर

जुए के फड़ में साहूकार मोटी रकम लेकर पहुंचते है, जहां पर जुआरी जुए में रकम हारने के बाद तुरंत अधिक ब्याज पर राशि लेते हैं और फिर दांव लगाते हैं। ब्याज के इस धंधे में सूद खोर तो मालामाल हो रहे हैं मगर ब्याज लेने वाले बर्बाद हो रहे हैं।

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