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76वीं सेना दिवस परेड आज लखनऊ में, जानें इस साल क्या है खास…

भारतीय सेना (Indian Army) आज उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में भव्य परेड के साथ 76वां सेना दिवस (76th Army Day) मनाने जा रही है।

सेना दिवस परेड (Army Day Parade) का लगातार दूसरे साल दिल्ली से बाहर आयोजन किया जा रहा है। पिछले साल, परेड बेंगलुरु में आयोजित की गई थी।

लखनऊ के परेड ग्राउंड में आज होने वाले आयोजन में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल आनंदी बेन पटेल मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे।

क्यों मनाया जाता है सेना दिवस?

सेना दिवस हर साल 15 जनवरी को मनाया जाता है। इस दिन जनरल (बाद में फील्ड मार्शल) केएम करियप्पा ने 1949 में जनरल सर फ्रांसिस रॉय बुचर से भारतीय सेना की कमान संभाली थी।

साथ ही सेना के लंबे और समृद्ध इतिहास में इसकी कमान संभालने वाले पहले भारतीय बने थे। जनरल सर फ्रांसिस रॉय बुचर भारतीय सेना में कमांडर इन चीफ का पद संभालने वाले आखिरी ब्रिटिश थे। 

फील्ड मार्शल केएम करियप्पा, जिन्हें ‘किपर’ के नाम से जाना जाता है। उन्‍होंने 1919 में किंग्स कमीशन प्राप्त किया और ब्रिटेन के सैंडहर्स्ट में रॉयल मिलिट्री कॉलेज में भारतीय कैडेटों के पहले समूह का हिस्सा थे।

फील्ड मार्शल करियप्पा क्‍वेटा के स्टाफ कॉलेज में दाखिला लेने वाले पहले भारतीय और बटालियन की कमान संभालने वाले पहले भारतीय थे।

1942 में उन्होंने 7वीं राजपूत मशीन गन बटालियन की स्थापना की, जिसे बाद में 17वीं राजपूत बटालियन के नाम से जाना गया। 1986 में केएम करियप्पा को फील्ड मार्शल के पद से सम्मानित किया गया था। 1993 में 94 साल की उम्र में उनका निधन हो गया। 

सेंट्रल कमांडके तहत होगा आयोजन 

1949 से 2022 तक सेना दिवस परेड का आयोजन दिल्ली छावनी के करियप्पा परेड ग्राउंड में किया जाता था। थल सेनाध्यक्ष मार्चिंग टुकड़ियों का रिव्‍यू करते हैं, जो हर साल गणतंत्र दिवस परेड में भी भाग लेती हैं। 

इस साल परेड सेना की ‘सेंट्रल कमांड’ के तहत आयोजित की जाएगी, जिसका मुख्यालय लखनऊ में है। सेंट्रल कमांड भारतीय सेना की सात ऑपरेशनल कमांडों में से एक है। पिछले साल बेंगलुरु में परेड की जिम्मेदारी दक्षिणी कमान के पास थी।

लखनऊ में परेड के दौरान दिखेगा भव्य नजारा

मेजर जनरल सलिल सेठ की कमान में लखनऊ में 11 गोरखा राइफल्स रेजिमेंटल सेंटर के परेड ग्राउंड में भव्य आयोजन होगा। इसमें सेना की विभिन्न रेजिमेंटों में से छह मार्चिंग टुकड़ियां और सैन्य बैंड भाग लेंगे। 

50वीं (स्वतंत्र) पैराशूट ब्रिगेड, सिख लाइट इन्फैंट्री, जाट रेजिमेंट, गढ़वाल राइफल्स, बंगाल इंजीनियर ग्रुप और सेना वायु रक्षा दल ने परेड ग्राउंड में मार्च किया। 

पांच रेजिमेंटल ब्रास/सैन्य बैंड हैं – पंजाब रेजिमेंट सेंटर, ग्रेनेडियर रेजिमेंटल सेंटर, बिहार रेजिमेंट सेंटर, सिख लाइट रेजिमेंट सेंटर, कुमाऊं रेजिमेंटल सेंटर और सिख रेजिमेंटल सेंटर। 

पांच रेजिमेंटल पाइप बैंड सिख रेजिमेंट सेंटर, सिख ली रेजिमेंट सेंटर, जाट रेजिमेंट सेंटर, कुमाऊं रेजिमेंटल सेंटर और 1 सिग्नल ट्रेनिंग सेंटर हैं। 

सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे परेड की समीक्षा करेंगे और वीरता पुरस्कार प्रदान करेंगे, जिसके बाद सेना सेवा कोर (एएससी) टॉरनेडो द्वारा साहसी मोटरसाइकिल प्रदर्शन, पैराट्रूपर्स द्वारा स्काइडाइविंग प्रदर्शन, साहसी छलांग और आर्मी एविएशन कोर के हेलीकॉप्टरों का फ्लाई पास्ट होगा। 

खास होगी परेड, AI का किया जाएगा उपयोग

इस वर्ष की सेना दिवस परेड बेहद खास होगी क्योंकि ‘सर्वश्रेष्ठ मार्चिंग दल’ का चयन करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग किया जाएगा। मेजर जनरल सलिल सेठ ने कहा, “सर्वश्रेष्ठ मार्चिंग दस्ते की पहचान के लिए पहली बार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल किया जा रहा है।”

उन्‍होंने कहा, “सभी मार्चिंग दल अभ्यास करते हैं, लेकिन इसे करने का एक पैटर्न होता है – हाथों और पैरों को निश्चित स्तर तक ऊपर उठाना और निश्चित समय सीमा के भीतर हथियार के साथ अपनी गतिविधि करना।

हम हर गतिविधि को कैमरे में कैद करेंगे और फिर एआई का उपयोग करने वाला कंप्यूटर सॉफ्टवेयर अंक देगा। इसकी निगरानी की जाएगी। हमने दो से तीन अभ्यास किए हैं।”

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